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देर से ही सही सरकार के एक फैसले ने जिला मुख्यालय स्थित राजकीय इंटर कालेज बालक के इतिहास को बदल दिया। स्थापना के 105 साल बाद पहली बार बेटियों को इस कालेज में पढ़ने का मौका मिला है। छात्रा बिट्टू मिश्रा 11 वीं में व शिल्पी शुक्ला सातवीं कक्षा में प्रवेश लेकर नई परंपरा की शुरुआत की है। प्रदेश सरकार ने सामाजिक परिवेश में बदलाव को देखते हुए सह शिक्षा देने का निर्णय पिछले माह लिया है। रामनाथ देवरिया निवासी अरुण कुमार मिश्र की पुत्री बिट्टू मिश्रा ने इस साल शहर के कतरारी स्थित पीडी एकेडमी से 10वीं की परीक्षा पास की है। वह अपनी मां संजू देवी के साथ 11वीं में प्रवेश के लिए पहुंची थी। जहां प्रधानाचार्य पीके शर्मा ने प्रवेश फार्म देकर नामांकन किया। वहीं नाथ नगर निवासी रामकेश शुक्ला की पुत्री शिल्पी शुक्ला अपनी मां उर्मिला शुक्ला के साथ कालेज में आई थी। क्रिकेट की खिलाड़ी शिल्पी ने कक्षा सात में प्रवेश लिया। दोनों बालिकाओं के नामांकन के साथ ही जीआइसी अपने बदलाव की ओर चल पड़ा है। जिला मुख्यालय स्थित राजकीय इंटर कालेज गौरवशाली इतिहास समेटे हुए है। 105 साल पूर्व आठ अक्टूबर 1912 को इस विद्यालय की आधारशिला रखी गई, जिसका श्रेय तत्कालीन डीएम जे.होप्स सिपसन को जाता है। स्थापना के समय कालेज का नाम ¨कग एडवर्ड हायर सेकेंड्री स्कूल था। यह विद्यालय लाल ईटों से निर्मित है। इसका भवन पुरातत्व एवं वास्तुकला की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। वर्ष 1954 में इस विद्यालय का उच्चीकृत हुआ। राजकीय इंटर कालेज देवरिया के नाम से इसकी नई पहचान मिली। राजकीय इंटर कालेज के 100 साल पूरे होने पर विशेष डाक टिकट जारी हुआ है। इस मौके पर उप प्रधानाचार्य महाश्रय शर्मा, महेंद्र प्रसाद, श्रीप्रकाश तिवारी, गो¨वद ¨सह, योगेंद्रनाथ मिश्र, जयप्रकाश यादव, शैलेंद्र कुमार उपाध्याय, ओपी शर्मा, विश्राम प्रसाद, रोशनी पाठक, रत्नेश ¨सह आदि मौजूद रहे। -------------------------- -शासन ने प्रदेश के सभी राजकीय इंटर कालेजों बालक में सह शिक्षा का निर्णय लिया है। बेटियों का भी प्रवेश आज से शुरू हो गया है। बिट्टू व शिल्पी का प्रवेश लिया गया है। -पीके शर्मा प्रधानाचार्य, राजकीय इंटर कालेज देवरिया
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