![]() |
Advertisement |
संबोधन के प्रमुख बिंदु
महिला हेल्पलाइन नम्बर 181 जारी किया गया है जोकि 24 घंटे महिलाओं की सहायता के लिए उपलब्ध है ।
‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ के अंतर्गत गुजरात के 09 जिले आच्छादित हैं जिसमें सूरत और भावनगर भी एक है।
स्मार्ट सिटी के अंतर्गत अहमदाबाद, सूरत और बड़ौदरा का चयन किया गया है तथा गांधीनगर, राजकोट और दाहोद का प्रकरण विचाराधीन है ।
स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के अंतर्गत गुजरात में 170 शहरों को खुले में शौच से मुक्त घोषित करते हुए प्रमाणित किया जा चुका है तथा 4,06,388 व्यक्तिगत शौचालय के लक्ष्य के सापेक्ष 5,75,110 शौचालय का निर्माण कराया जा चुका है।
31010 सामुदायिक शौचालय के सापेक्ष 11010 सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया जा चुका है ।
97.27 प्रतिशत नगर पालिका वार्ड में डोर-टू-डोर कूड़ा एकत्रित किया जा रहा है।
अहमदाबाद मेट्रो रेल परियोजना हेतु 10,773 करोड़ रूपये की स्वीकृति नवम्बर, 2014 में दी गई थी तथा 336.02 करोड़ रूपये जारी कर दिए गए हैं ।
उजाला योजना के अंतर्गत गुजरात में 3.3 करोड़ से अधिक एल.ई.डी. बल्ब वितरित कराये गये जिससे प्रतिवर्ष 1719 करोड़ रूपये की बचत हो रही है ।
गत 03 वर्षों में स्वॉयल हेल्थ कार्ड बनाने हेतु 13.14 करोड़ रूपये राज्य सरकार को दिये गये जिससे 02 मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित हुई तथा 24.74 लाख स्वॉयल हेल्थ कार्ड जारी किए गए ।
नीली क्रांति के अंतर्गत मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए 23.4 करोड़ रूपये की केंद्रीय सहायता दी गई है ।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत प्रदेश के सभी 33 जिलों में जिला कृषि सिंचाई योजना तैयार की गई हैं तथा 3,90,323 हैक्टेयर भूमि सूक्ष्म सिंचाई (टपक सिंचाई) के अंतर्गत उपयोग में लाया गया तथा 5,94.78 करोड़ रूपये की सहायता प्रदान की गई ।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत गत तीन वर्षों में 1,20,000 प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण दिया गया है ।
आई.टी.आई. दशरथ को देश के माडल आई.टी.आई. के रूप में विकसित किया जा रहा है ।
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत 4094 इकाइयों के माध्यम से 44,696 रोजगार का सृजन किया गया है ।
टूलरूम एवं टेक्नोलॉजी सेंटर के द्वारा 35072 लोगों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया तथा 7766 इकाइयों को सहायता प्रदान की गई।
गत तीन वर्षों में लगभग 400 कि.मी. की गैस पाइप लाइन बिछायी जा चुकी है ।
पशु चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए जूनागढ़ में एक नया पशु चिकित्सा विद्यालय खोला गया तथा बनासकाठा में एक कृषि विज्ञान केंद्र की स्थापना की गई है ।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय उन्नत भारत कृषि शिक्षा योजना के अंतर्गत जूनागढ़ में 02 केंद्र तथा आनन्द में 02 केंद्रों की स्थापना की गई है ।
डी.बी.टी. के अंतर्गत 1,74,30,236 लाभार्थियों को गैस सब्सिडी दी गई है।
8,36,118 उपभोक्ताओं ने स्वेच्छा से अपनी गैस सब्सिडी छोड़ दी है।
7,52,779 लोगों को प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के अंतर्गत नि:शुल्क गैस कनेक्शन प्रदान किए गए जिसमें से 2,90,914 अनु.जाति/अनु.जनजाति महिलाएं हैं ।
गीर गौ विहार तथा धरमपुर में 02 गोकुल गांवों की स्थापना की गई है ।
राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) के अंतर्गत 40 मंडियां जुड़ चुकी हैं जिनमें लगभग 3177.35 करोड़ रूपये का व्यापार हो चुका है ।
हृदय योजना के अंतर्गत धरोहर शहर के रूप में द्वारिका को चयनित करते हुए लगभग 22.26 करोड़ रूपये आवंटित किये गये हैं ।
02 सॉफ्टवेयर पार्क- गांधीनगर और सूरत में स्थापित किए गए हैं ।
इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण क्लस्टर की स्थापना गांव टुण्डा तालुका मुंद्रा जिला कच्छ में 745 करोड़ रूपये की लागत से की गई है ।
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा 8,48,875 आवास 171 शहरों में बनाए जाने हैं जिस पर कार्य जारी है ।
वर्ष 2016-17 में प्रदेश में बिजली की कमी शून्य रही है ।
विद्युत उत्पादन जोकि मार्च, 2014 में 27,647 मेगावाट था, में 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई जो मार्च, 2017 में 30,176 मेगावाट हो गया है ।
जहाजरानी के क्षेत्र में गोघा एव दाहेज के बीच में फेरी सेवा, बेट द्वारिका में नया लाइट हाऊस तथा जाफराबाद में एक नये लाइट हाऊस टावर की स्थापना की गई है ।
अमृत योजना के अंतर्गत 31 शहरों को चयनित किया गया है जिसके लिए 4884 करोड़ रूपये आवंटित किये गये हैं ।
5.76 करोड़ लोगों को आधार कार्ड प्रदान कराया जा चुका है जोकि कुल जनसंख्या का लगभग 93 प्रतिशत है ।
डिजिटल साक्षरता मिशन के अंतर्गत 3.34 लाख लोगों को आच्छादित किया गया है ।
प्रदेश के सभी 33 जिलों में ई-डिस्ट्रिक्ट योजना लागू कर दी गई है ।
पर्यटन की दृष्टि से द्वारिका के विकास के लिए 26.23 करोड़ रूपये, सोमनाथ के लिए 37.44 करोड़ रूपये अहमदाबाद-राजकोट- पोरबंदर-बारदोली-दांडी हेरिटेज सर्किट के लिए 93.48 करोड़ रूपये तथा वदनगर-मोधरा एवं पाटन धरोहर सर्किट के लिए 99.81 करोड़ रूपये आवंटित किये गये हैं ।
कच्छ में हस्तशिल्प का एक मेगा क्लस्टर 28.50 करोड़ रूपये की लागत से बनाया जा रहा है जिससे लगभग 20,000 दस्तकारों को लाभ प्राप्त होगा ।
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत 201.01 करोड़ रूपये की मार्जिन मनी द्वारा 4094 इकाइयों की स्थापना हुई जिनसे लगभग 44,696 लोगों को रोजगार प्राप्त हुए।
सीजीटीएमएसई के अंतर्गत 47253 इकाइयों को 3570.62 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई ।
सीएलसीएसएस के अंतर्गत 7023 इकाइयों को लगभग 431.81 करोड़ रूपये की सब्सिडी दी गई है ।
बार कोड के अंतर्गत 202 इकाइयों को सहायता दी गई ।
उद्यमिता विकास, इंक्यूबेशन के माध्यम से 01 संस्था द्वारा 04 नए विचारों का सम्पोषण किया गया।
टूलरूम के माध्यम से 35072 लोगों को प्रशिक्षण दिया गया तथा 7766 संस्थाओं को सहायता प्रदान की गई है ।
0 comments: